सोमवार रात को पंचकूला में डायल 112 पर सूचना मिली कि मकान नंबर 1204 के बाहर खड़ी एक कार में कुछ लोगों ने आत्महत्या कर ली है। जांच में सामने आया कि कार देहरादून नंबर की है।

पंचकूला में सामूहिक आत्महत्या करने वाला मित्तल परिवार देहरादून के कौलागढ़ में करीब तीन साल किराये पर रहा है। करीब एक साल पहले ही परिवार यहां से सब कुछ छोड़कर चंडीगढ़ रहने चला गया था। यहां प्रवीण मित्तल चाइल्ड लाइफ केयर मिशन नाम का एनजीओ चलाते थे, जो कि दिव्यांग बच्चों के लिए काम करता था।
कौलागढ़ में उनके पड़ोसियों ने परिवार को लेकर बहुत सी बातों को साझा किया। सभी उनके इस कदम से स्तब्ध नजर आए और कोई भी इस बात पर विश्वास करने के लिए राजी नहीं था। प्रवीण मित्तल की जेब से जो आधार कार्ड मिला था वह यहां 274 कौलागढ़ के पते का था। इस आधार पर हरियाणा के पंचकूला की पुलिस ने देर रात देहरादून पुलिस को इस सामूहिक आत्महत्या कांड के बारे में सूचना दी थी। एसएपी अजय सिंह ने बताया कि इस पते पर मित्तल परिवार तीन सालों तक रहा था, लेकिन करीब एक साल पहले यहां से चंडीगढ़ अपने मूल पते पर रहने चला गया था।
जिस कार में परिवार के सदस्य मृत पाए गए हैं, वह कार भी उनके दोस्त मालदेवता निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर है। गंभीर सिंह नेगी ने पुलिस को बताया कि उनकी मुलाकात प्रवीण मित्तल से उनके एनजीओ में काम करते वक्त हुई थी। दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। इस पर प्रवीण मित्तल ने कहा था कि वह उनके नाम पर एक कार लेना चाहते हैं। गंभीर सिंह नेगी ने भी हामी भर दी और फाइनेंस करा कार अपने नाम पर खरीद ली। वर्ष 2021 से प्रवीण मित्तल इस कार को इस्तेमाल कर रहे थे।