Spy Ring: इन्फ्लुएंसर से छात्र, व्यापारी से गार्ड तक; भारत में कैसे PAK के लिए जारी थी जासूसी, क्या था तरीका?

भारत की तरफ से पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद अब अधिकारी देश में छिपे पाकिस्तान परस्तों को पकड़ने में जुटे हैं। भारत की अलग-अलग एजेंसियों और पुलिस ने अब तक कम से कम 10 लोगों को पाकिस्तान के लिए कथित तौर पर जासूसी करने के आरोपों में गिरफ्तार किया है। पहलगाम आतंकी हमलों के मद्देनजर देश में अहम स्थलों की जानकारी लीक होने के बाद एजेंसियों ने यह अभियान चलाया है। गौरतलब है कि अब तक इन मामलों में जो 10 लोग गिरफ्तार हुए हैं, उनमें से पांच हरियाणा से हैं। वहीं, चार लोग पंजाब से गिरफ्तार किए गए हैं। इस कथित जासूसी नेटवर्क से जुड़े एक शख्स को उत्तर प्रदेश से भी गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इस पूरे मामले की कलई हरियाणा से इन्फ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी से खुलनी शुरू हुई। हिसार पुलिस ने ज्योति की गिरफ्तारी के बाद खुलासा किया था कि देश के इन्फ्लुएंसर चंद फायदों के लिए युवाओं को बहकाने का प्रयास कर रहे हैं।

से में यह जानना अहम है कि आखिर अब तक कितने कथित जासूसों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है? इन्हें कहां से गिरफ्तार किया गया है? इनका भारतीयों को बहकाने का ‘मोडस ऑपरेंडाई’ यानी तरीका क्या था? पुलिस ने इन्हें कैसे और कब-कब गिरफ्तार किया? आइये जानते हैं…

कौन-कौन कथित जासूस हुए गिरफ्तार?

1. ज्योति मल्होत्रा

कौन?
ज्योति मल्होत्रा खुद को एक ट्रैवल व्लॉगर बताती है। उसका एक यूट्यूब चैनल- ‘ट्रैवल विद जेओ’ है। ज्योति हरियाणा के हिसार की रहने वाली है और उस पर जासूसी और पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी देने का आरोप लगे हैं। महिला यूट्यूबर के खिलाफ हरियाणा के हिसार में ही मुकदमा दर्ज हुआ है। 

जासूसी के जाल में कैसे फंसी?

  • ज्योति मल्होत्रा ने 22 अक्टूबर 2018 को अपना पासपोर्ट बनवाया था। करीब तीन साल पहले उसने अपना यूट्यूब चैनल बनाया। शुरुआत में वीडियोज पर व्यूज ज्यादा नहीं आते थे। ट्रैवल व्लॉगिंग के दौरान ही उसका संपर्क दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुआ और जासूसी के जाल में फंस गई। 
  • दानिश ने ज्योति को भारत में जासूसी के लिए तैयार करना शुरू किया। आईबी के इनपुट के अनुसार, ज्योति दो बार दिल्ली से सिख जत्थे बंदी के साथ व एक बार अकेली करतारपुर साहिब गुरुद्वारा दर्शन करने पाकिस्तान जा चुकी है।
  • पाकिस्तान में दानिश के कहने पर ज्योति उसके जानकार अली अहवान से मिली। अली अहवान ने ज्योति के ठहरने व घूमने का प्रबंध करने के साथ उसकी मुलाकात पाकिस्तानी इंटेलीजेंस के अधिकारियों से कराई। ज्योति ने पुलिस को बताया कि दानिश के कहने पर वह पाकिस्तानी इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) के शाकिर उर्फ राणा शाहबाज से मिली और उसका मोबाइल नंबर भी लिया।

एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
ज्योति हाई प्रोफाइल पार्टियों में बड़े लोगों से जान पहचान बनाने का प्रयास करती थी। ज्योति ने अपने चैनल के माध्यम से पाकिस्तान की सकारात्मक छवि दिखाने वाले वीडियो बनाए। इसके लिए ‘इंडियन गर्ल इन पाकिस्तान’ के थंबनेल को सबसे ज्यादा प्रयोग किया। इन्हीं में से एक वीडियो पर 12 मिलियन से ज्यादा व्यूज हैं। 

इतना ही नहीं ज्योति के चैनल पर एक वीडियो और था, जिसमें वह दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में दानिश और उनकी पत्नी के साथ मुलाकात कर रही है। वीडियो में ज्योति आयोजन की भव्यता की तारीफ करती हुई दिखाई दे रही है। साथ ही बार-बार पाकिस्तान की यात्रा करने और वीजा प्राप्त करने की इच्छा भी जताती है।    

इसी दानिश को पहलगाम हमले के बाद 13 मई 2025 को भारत सरकार ने गलत गतिविधियों के लिए पर्सोना नॉन ग्राटा (अवांछित) घोषित किया और 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया था। ज्योति ने इस पार्टी में चीन के अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। इस पार्टी के बाद से ही ज्योति एजेंसियों की रडार पर थी। यहां से सामने आया कि ज्योति पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) से जुड़े कुछ लोगों के संपर्क में थी।

2. नोमान इलाही

कौन?
जांच एजेंसियों ने जासूसी नेटवर्क से जुड़े एक व्यक्ति नोमान इलाही को भी गिरफ्तार किया है, जो कि हरियाणा में एक सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करता था। वह मुख्यतः उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला है। पुलिस ने उसे 13 मई को पानीपत से पकड़ा। 

जासूसी के जाल में कैसे फंसा?
नोमान ने पुलिस के सामने कबूला है कि वह आठ साल पहले अवैध रूप से पाकिस्तान पहुंचा था। यहां उसने कुछ लोगों से मुलाकात की थी। पुलिस को शक है कि वह जासूसी का प्रशिक्षण लेने पाकिस्तान गया था। 

बताया जाता है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पुलिस ने पंजाब के मलेरकोटला से दो लोगों को गिरफ्तार किया। इनकी निशानदेही के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच तेज की। पुलिस को इस दौरान उन खातों की जानकारी मिली, जिनमें पाकिस्तान से पैसे आ रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को पानीपत और कैराना के 12 खातों की जानकारी मिली, जिनमें सीधे पाकिस्तान से पैसे नहीं आ रहे थे, बल्कि इन्हें डायवर्ट कर के भेजा गया था। इसके बाद सभी खाताधारकों को जांच के दायरे में लाया गया। यहीं से पुलिस को नोमान का कनेक्शन मिला। 

पुलिस ने इसके बाद नोमान के घर पर छापेमारी की। उसके घर से पुलिस को छह पासपोर्ट मिले। इनमें तीन पासपोर्ट उसके और उसके परिवारवालों के थे। तीन और अन्य लोगों के थे। नोमान के पासपोर्ट की वैधता 2010 में ही खत्म हो गई थी और इसका रिन्युअल नहीं कराया गया। हालांकि, जब नोमान से सख्ती से पूछताछ की गई तो सामने आया कि वह 2017 में पाकिस्तान गया था। यह यात्रा अवैध तौर पर की गई। इसके बाद पुलिस को शक है कि वह पाकिस्तान में आईएसआई के एजेंट्स से मिला था। 

3. अरमान

कौन?
16 मई को हरियाणा के नूंह से 23 वर्षीय अरमान की गिरफ्तारी हुई। बताया गया है कि वह नगीना के रजाका का रहने वाला है। 

एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
पुलिस को सूचना मिली थी कि एक युवक व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से दुश्मन देश को सूचनाएं भेज रहा है। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया। जब उसका मोबाइल फोन खंगाला गया, तो उसमें पाकिस्तान के नंबरों से हुई बातचीत, चैट्स, फोटो और वीडियो मिले। 

आरोपी के मोबाइल से भारत के डिफेंस एक्सपो 2025 की तस्वीरें भी मिलीं, जो उसने पाकिस्तानी एजेंटों को भेजी थीं। जांच में सामने आया कि अरमान अपने मोबाइल में पाकिस्तान के 92 सीरीज वाले नंबरों के साथ व्हाट्सएप पर लगातार संपर्क में था। मोबाइल में दो सिम कार्ड और दो आईएमईआई नंबर चिन्हित हुए हैं। इसके अलावा एक मोबाइल नंबर से भी वह जासूसी करने की गतिविधि को अंजाम दे रहा था। 

4. देविंदर सिंह ढिल्लों

कौन?
जासूसी के आरोप में गिरफ्तार देवेंद्र सिंह ढिल्लों पंजाब के पटियाला जिले में पंजाब विश्वविद्यालय से एमए राजनीति शास्त्र की पढ़ाई कर रहा है। इसने विश्वविद्यालय के नजदीक ही अपना कमरा ले रखा था। उसका गांव हरियाणा के कैथल स्थित मस्तगढ़ में है। आरोपी के घर में चार सदस्य है। उसकी एक छोटी बहन है, वह भी 12वीं में पढ़ाई कर रही है। उसके पिता की गांव में ही खेती हैं। जबकि उसकी मां एक गृहिणी हैं। अभी तक की जांच में सामने आया है कि मध्यमवर्गीय परिवार के इस युवक के खिलाफ सोशल मीडिया पर हथियार के साथ पोस्ट डालने से पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

जासूसी के जाल में कैसे फंसा?
देवेंद्र की दोस्ती फेसबुक पर एक पाकिस्तानी युवती से हुई। इस लड़की ने उसे हनी ट्रैप में फंसा लिया। देवेंद्र 2024 की नवंबर में ही सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ करतारपुर कॉरिडर से पाकिस्तान गया था। इस दौरान वह करतारपुर साहिब, ननकाना साहिब, लाहौर में कई धार्मिक स्थलों पर गया। वहीं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट के संपर्क में आया।         

एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
पुलिस की गुप्तचर यूनिट के हेड कांस्टेबल कुलदीप सिंह ने शिकायत दी थी कि 11 मई को उसे सूचना मिली कि मस्तगढ़ निवासी देवेंद्र सिंह ढिल्लों ने अपनी फेसबुक आईडी पर बंदूकों के साथ फोटो अपलोड की है। जांच में पता चला कि देवेंद्र के पास कोई लाइसेंसी हथियार नहीं है। उसने उसके गांव के मालक सिंह के हथियारों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फोटो अपलोड करके वायरल की और भय का माहौल बनाया।

बाद में पुलिस ने जब उसके मामले की जांच के लिए गांव में दबिश दी तो आरोपी को इसकी भनक लग गई। इसके चलते उसने अपने सभी डिजिटल डिवाइस से डाटा डिलीट कर दिया। पुलिस ने उसके मोबाइल फोन व अन्य डिवाइस अपने कब्जे में ले लिए हैं। पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट अब डाटा रिकवर करने में जुटी है। पुलिस की जांच में सामने आया कि देवेंद्र पांच से अधिक पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में था।

5. मोहम्मद तारीफ

कौन?
हरियाणा के नूंह स्थित तावडू उपमंडल के गांव कांगरका का रहने वाला। पिता का नाम हनीफ बताया गया।

जासूसी के जाल में कैसे फंसा?
अभी यह साफ नहीं है कि मोहम्मद तारीफ पाकिस्तानियों के जाल में कैसे फंसा। हालांकि, पुलिस की जांच में सामने आया है कि वह रुपये के लालच में कुछ समय से दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के एक कर्मचारी को अहम खुफिया जानकारी दे रहा था। 

एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
हरियाणा पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुप्त सूचना मिली थी कि तारीफ निवासी लंबे समय से सेना और उसकी तैयारियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी दुश्मन देश पाकिस्तान में भेज रहा है। इस सूचना के बाद चंडीगढ़ विशेष पुलिस बल और केंद्रीय जांच एजेंसी ने तावडू सीआईए और सदर थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उसे गांव बावला राधा स्वामी सत्संग के समीप से रविवार देर शाम हिरासत में लिया गया। हिरासत में लेने से पहले पुलिस टीम को सामने देख तारीफ ने अपने मोबाइल में कुछ चैट डिलीट करने का भी प्रयास किया था। 

जांच में सामने आया कि उसके मोबाइल में पाकिस्तानी व्हाट्सएप नंबर थे। साथ ही कुछ डाटा भी डिलीट पाया गया। उसके मोबाइल फोन की जांच में पाकिस्तानी नंबरों से चैट, फोटो, वीडियो और सैन्य गतिविधियों की तस्वीरें मिलीं, जो उसने पाकिस्तान के किसी नंबर पर भेजी थी। वह दो अलग अलग सिम कार्ड के जरिए पाकिस्तानी नंबरों से लगातार संपर्क में था। पूछताछ करने पर खुलासा हुआ कि पाकिस्तान उच्चायोग दिल्ली में स्थित कर्मचारी आसिफ बलोच को भारत देश की सैन्य गतिविधियां और खुफिया सूचनाओं को भेजता था।

6. गजाला खातून और 7. यामीन मोहम्मद

6 व 7 मई की रात भारतीय सशस्त्र सेनाओं द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था। 8 मई को सबसे पहले पंजाब के मलेरकोटला पुलिस ने इनपुट के आधार पर दो जासूस गजाला और यामीन मोहम्मद को गिरफ्तार किया था, जो दिल्ली पाकिस्तान हाई कमीशन में काम करने वाले दानिश के संपर्क में थे। यहीं से जासूसों की गिरफ्तारी तेज हुई। 

गजाला दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात अफसर के संपर्क में आने के बाद पाकिस्तान भी गई थी। इसके पास से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और बैंक बैलेंस का ट्रांसजेक्शन रिकॉर्ड भी पुलिस को मिला है। 

8. मोहम्मद रकीब

कौन?
बठिंडा कैट इलाके से गिरफ्तार हुआ मोहम्मद रकीब मूलतः उत्तराखंड के रुड़की का रहने वाला बताया जाता है। डोसनी गांव निवासी रकीब के परिवार की तीन पीढ़ियां सैन्यकर्मियों की वर्दी और कपड़ों की सिलाई के काम से जुड़ी हैं। रकीब के दादा असगर ने वर्षों पहले बठिंडा में सैन्य वर्दी सिलाई का काम शुरू किया था। इसके बाद उसके पिता इकबाल ने उनका काम संभाला। इकबाल के पांचों बेटों रईस, नासिर, आकिल, नाजिम और रकीब ने भी अपने दादाइलाही काम को अपनाते हुए उनसे सिलाई का हुनर सीखकर इसी पेशे को अपनाया।

एजेंसियों ने कैसे दबोचा?
पुलिस ने थाना कैंट में दर्ज की गई एफआईआर में बताया गया कि सैन्य छावनी में टेलर का काम करने वाले रकीब से पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव नंबर और सेना के संदिगध कागजात बरामद किए गए हैं। जो आरोपी से मोबाइल में मिले हैं। मोबाइल में पाकिस्तान से जुड़े कुछ नंबर भी मिले हैं। आरोपी से मोटो कंपनी का ई13 मोबाइल, एयरटेल का सिम कार्ड और नोकिया कंपनी का फोन बरामद किया गया है। उससे पुलिस की पूछताछ जारी है।

सूत्र बताते हैं कि पकड़े गए आरोपी रकीब से एसएसपी समेत अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। ताकि पता लगाया जा सके कि उक्त आरोपित पाकिस्तानी की किस एजेंसी के साथ संपर्क में था और कैसे आया। वह कितने समय से उनके साथ संपर्क में था और अब तक वह कौन-कौन सी जानकारी उन्हें भेज चुका है।