कनाडा एक बार फिर विदेशी छात्रों को झटका देने की तैयारी कर रहा है। आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने एक फ़ोन साक्षात्कार में कहा कि कनाडा इस बात की समीक्षा कर रहा है कि वह विदेशी छात्रों को कितने लंबे समय तक वीज़ा दे सकता है। संघीय और प्रांतीय अधिकारी इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि श्रम बाजार की मांग को अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के साथ कैसे जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि हालाँकि कनाडा ने कई वर्षों से शिक्षित, कामकाजी उम्र के अप्रवासियों को लाने के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का उपयोग किया है, लेकिन अध्ययन वीज़ा का मतलब भविष्य में निवास या नागरिकता की गारंटी नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि “यह कभी वादा नहीं होना चाहिए। लोगों को यहाँ आकर खुद को शिक्षित करना चाहिए और शायद घर जाकर उन कौशलों को अपने देश में वापस जाना चाहिए।” बता दें कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को जीवन की बढ़ती लागत, दुर्लभ आवास के लिए तीव्र प्रतिस्पर्धा और उच्च बेरोज़गारी को लेकर बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इस साल की शुरुआत में कनाडा ने अपने द्वारा जारी किए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्र वीज़ा की संख्या पर एक नई सीमा लगाई थी। यह इस साल 300,000 से कम नए छात्र परमिट का अनुमान लगा रहा है, जो पिछले साल लगभग 437,000 से कम है।
सर्वेक्षण में पाया गया कि जेन जेड और मिलेनियल कनाडाई लोगों में से 70 प्रतिशत को लगता है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अप्रवासी और स्थायी निवासी “सामान्य कनाडाई मूल्यों को साझा करें।” कनाडाई जेन जेड और मिलेनियल्स का एक बड़ा हिस्सा मूल्यों की जांच करने वाले अप्रवासियों का समर्थन करता है। संघीय आव्रजन मंत्री ने सुझाव दिया कि अब अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि छात्रों समूह में से किसे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी रहना चाहिए। मिलर ने कहा कि कनाडा को यह सुनिश्चित करने के लिए बेहतर काम करने की ज़रूरत है कि अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए नौकरियाँ उनकी पढ़ाई के अनुरूप हों।
NEWS SOURCE : punjabkesari