हरिद्वार : धर्मनगरी हरिद्वार प्रदेश के सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले शहरों में से एक। ये शहर अक्सर जाम से जूझता रहता है। इस समस्या के समाधान के लिए यहां उत्तराखंड की पहली पॉड टैक्सी चलाने की योजना बनाई गई POD TAXI PROJECT
लेकिन ये परियोजना धरातल पर उतरती नजर नहीं आ रही। दरअसल स्थानीय व्यापारी और अन्य संगठन पॉड टैक्सी परियोजना का विरोध कर रहे हैं। विरोध की वजह पॉड टैक्सी के लिए तैयार होने वाला रूट है। व्यापारियों का कहना है कि अपर रोड और मुख्य बाजारों पर सड़कें संकरी हैं, ऐसे में अगर यहां पॉड टैक्सी के लिए पिलर लगाए जाएंगे तो व्यापारियों को भारी नुकसान होगा। POD TAXI PROJECT
इस बात पर हरिद्वार के सभी छोटे-बड़े व्यापारी एकजुट होकर प्रोजेक्ट का रूट बदले जाने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि श्रद्धालुओं की सुविधा और शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में पॉड टैक्सी परियोजना लाई गई थी। परियोजना के तहत पॉड टैक्सी को सीतापुर से उत्तरी हरिद्वार तक ले जाना प्रस्तावित है। बीच में कई स्टेशन बनाए जाने हैं। POD TAXI PROJECT
पॉड टैक्सी सड़क के ऊपर चलेगी तो इसके रूट को लेकर पिलर भी लगाए जाने हैं। मामले को लेकर बीते 4 सालों में अधिकारियों और स्थानीय व्यापारियों के बीच कई बैठक हो चुकी हैं, लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। बीती 11 दिसंबर को जिला प्रशासन, उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और स्थानीय संगठनों के बीच हुई बैठक में एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। POD TAXI PROJECT
यह कमेटी पूरे क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर सभी स्टेक होल्डर के बीच समन्वय बनाएगी और गलतफहमियों को दूर करेगी। ऐसे में अधिकारियों को उम्मीद है कि पॉड टैक्सी को लेकर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। यहां आपको पॉड टैक्सी योजना के बारे में भी बताते हैं। पॉड टैक्सी रोपवे की तरह ट्रांसपोर्ट करने वाली एक तकनीक है, जिसमें 4 से 6 यात्री एक केबिन के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा कर सकते हैं। POD TAXI PROJECT
विदेशों में संचालित होने वाली इस सेवा को सरकार हरिद्वार में भी शुरू करना चाहती है, लेकिन स्थानीय व्यापारियों और अन्य संगठनों के विरोध के चलते POD TAXI PROJECT की राह में कई रुकावटें आ रही हैं।