नई दिल्ली. देश के तमाम धार्मिक और पर्यटन स्थलों का सफर अब आसान हो जाएगा. श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए पथरीले रास्तों से होकर चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी या फिर भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर घंटों-घंटों जाम फंसे नहीं रहना पड़ेगा. रोपवे निर्माण कंपनी नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लि. (एनएचएलएमएल) इसी वर्ष 60 किमी. लंबाई के रोपवे का काम शुरू करने जा रही है. इनमें से तमाम के टेंडर भी आवार्ड किए जा चुके हैं. जहां पर रोपवे का काम शुरू होने वाला है, जानें कौन कौन से प्रमुख धार्मिक स्थल हैं ?
सामान्य तौर पहले रोपवे का निर्माण पहाड़ी इलाकों में ही होता था और राज्य सरकार इनका निर्माण कराती थी. लेकिन लागत अधिक होने की वजह से जरूरत के बाद भी इनका निर्माण नहीं हो पाता था. इसी को ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन राज्य मंत्रालय ने अरबन रोपवे निर्माण के लिए एनएचएलएमएल ( एनएचएआई) का गठन कर काम सौंप दिया है.
एनएचएलएमएल के सीईओ प्रकाश गौड़ के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में देशभर में करीब 60 किमी. रोपवे का काम शुरू किया जाएगा. इनमें से कुछ के टेंडर हो चुके हैं और तमाम प्रक्रिया में हैं, जो तय समय पर पूरे कर लिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं देश का पहला अरबन रोपवे का निर्माण वाराणसी में शुरू हो चुका है. 3.8 किमी. लंबा रोपवे कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक होगा. इसी वित्तीय वर्ष में इसके दो स्टेशनों का निर्माण काम भी पूरा हो जाएगा.
33 किमी.रोपवे के टेंडर की प्रक्रिया शुरू
एनएचएलएमएल के अनुसार 33 किमी. रोपवे निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके लिए बिड्स आमंत्रित कर दी गयी हैं. जल्द ही काम का टेंडर जारी कर काम आवार्ड कर दिया जाएगा.
ये हैं प्रमुख स्थान जहां रोपवे बनेगा
उत्तराखंड में केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और काठगोदाम से नैनीताल, कश्मीर में शंकराचार्य मंदिर, महाराष्ट्र में ब्रह्मगिरी से अंजानेरी और रामटेक मंदिर, मध्य प्रदेश में टिकीटोरिया मंदिर और महाकाल उज्जैन, उत्तर प्रदेश में संगम प्रयागराज, असम में कामाख्या मंदिर , गुजरात में गिफ्ट सिटी, अरुणाचल प्रदेश में तवांग मोनेस्ट्री प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल हैं, जहां पर रोपवे निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.