Uttarakhand News: लाश थी मोर्चरी में,पुलिस को महिला ने दिखाई पति की तस्वीर, फिर भी अज्ञात में कर दी अंत्येष्टि

देहरादून–(भूमिक मेहरा) घर से काम के लिए निकले एक मजदूर की लाश मोर्चरी में पड़ी थी। उधर, पति की तलाश में महिला भटक रही थी। थाने-चौकियों के चक्कर काट रही थी। आईएसबीटी चौकी को तस्वीर भी दिखाई, लेकिन पुलिस ने मोर्चरी तक जाने की जहमत नहीं उठाई। लाश उसी दिन आईएसबीटी फ्लाईओवर के नीचे से बरामद की गई थी। किसी पुलिसकर्मी ने फोटो से मिलान करने की भी कोशिश नहीं की और तीन दिन बाद लाश का अज्ञात में अंतिम संस्कार कर दिया। उस दिन लाश का फोटो चौकी के बोर्ड पर टंगा था। परिजन वहां पहुंचे तो देखकर पहचान कर ली। पता चला कि अब तो अंतिम संस्कार भी हो गया है। परिजनों ने पुलिस की इस कार्यशैली पर सवाल उठाए तो उन्हें चुप करा दिया गया। अब पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। मामला पटेलनगर थाने की आईएसबीटी चौकी का है। चौकी पुलिस को गत नौ सितंबर को 45 वर्षीय व्यक्ति की लाश आईएसबीटी फ्लाईओवर के नीचे से मिली थी। लाश पर चोट के निशान उजागर नहीं थे। पुलिस ने उसका अज्ञात में पंचनामा भर दिया और शव मोर्चरी में रख दिया। उसी दिन प्रेमनगर के श्यामपुर निवासी महिला बबीता अपने बेटे को लेकर पति हरगोविंद की तलाश में पहुंची। उन्होंने चौकी के एक कर्मचारी को हरगोविंद का फोटो दिखाया। कर्मचारियों ने यह फोटो अपने पास रख लिया, लेकिन उस दिन मिली लाश से पहचान करने की कोशिश नहीं की। अगले दिन 10 सितंबर को लाश का पोस्टमार्टम कराया गया। अगले 72 घंटे तक पहचान का इंतजार किया गया और 12 सितंबर को अंतिम संस्कार अज्ञात में ही कर दिया।अब 12 सितंबर को बबीता और उनका बेटा फिर आईएसबीटी चौकी पहुंचे। यहां बोर्ड पर नौ सितंबर को मिली लाश का फोटो लगा हुआ था। बबीता ने उनकी पहचान हरगोविंद के रूप में कर ली। उन्होंने सवाल उठाया कि जब वे नौ सितंबर को आए थे तो उन्हें इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई? इस पर चौकी पर मौजूद कर्मचारी बगलें झांकने लगे। किसी के पास कोई जवाब नहीं था। पुलिस यदि नौ सितंबर को ही सचेत होकर फोटो से लाश का मिलान कर लेती तो परिवार को हरगोविंद का अंतिम संस्कार करने का तो मौका मिल ही जाता। बबीता की ओर से हत्या की तहरीर दी गई। सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए तो पता चला कि हरगोविंद को दो लोग पीट रहे हैं। इस आधार पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। *हरगोविंद को हाथ बांधकर टिन शेड में डाला*सीओ सदर अनिल कुमार जोशी ने बताया कि मामले में सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए हैं। वहां पर दो लोग हरगोविंद के साथ मारपीट कर रहे थे। इसके बाद उसके हाथ बांधकर टिन शेड में डाला गया था। शुरुआत में पोस्टमार्टम में चोट के निशान नहीं थे। ऐसे में अब सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

28 अगस्त को निकले थे हरगोविंद, 29 को हुई थी पत्नी से बात*हरगोविंद क्षेत्र में ही मजदूरी करते थे। वह 28 अगस्त को घर से काम की तलाश में निकले थे। 29 को पत्नी को फोन किया और कहा कि उन्हें काम मिल गया है। हरगोविंद कई-कई दिन घर नहीं आते थे तो शुरुआत में परिजनों को चिंता नहीं हुई, लेकिन कई दिनों से उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। ऐसे में उन्होंने नौ सितंबर से उनकी तलाश शुरू की। इसी दिन वे उनकी तलाश करते हुए आईएसबीटी चौकी पहुंचे थे।