शोक सभा के लिए तय किया समय, हाईकोर्ट ने वकीलों की हड़ताल को ठहराया अवैध

प्रयागराज. प्रदेश में वकीलों की हड़ताल को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना करार दिया है. अदालत ने कहा है कि कोई भी वकील या बार एसोसिएशन हड़ताल करता है अथवा प्रस्ताव करता है या न्यायिक कार्य से विरत रहता है तो जिला जज की रिपोर्ट पर उसके खिलाफ स्वत: आपराधिक अवमानना कार्यवाई की जाएगी.

कोर्ट ने सभी जिला जजों को वकीलों की हड़ताल अथवा न्यायिक कार्य बहिष्कार की रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है ताकि अवमानना कार्यवाही हो सके. बार कौंसिल आफ इंडिया व उप्र बार कौंसिल ने प्रस्ताव किया है कि अधिवक्ता साथी के निधन पर दिन में 3.30 बजे शोक सभा की जाए ताकि न्यायिक कार्य प्रभावित न हो. कोर्ट ने कहा, इस प्रस्ताव के उल्लघंन पर आपराधिक अवमानना कार्यवाई होगी. ये आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति डाॅ. गौतम चौधरी की खंडपीठ ने जिला जज प्रयागराज की रिपोर्ट पर शुरू आपराधिक अवमानना केस की सुनवाई करते हुए दिया है.

बार कौंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र व उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने कहा कि वकीलों की शिकायतों की सुनवाई नहीं होती. ऐसे में उनके पास हड़ताल का ही विकल्प बचता है. अधिकांश समस्या प्रशासन की पहल पर खत्म हो सकती है. इस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी या नामित अपर जिलाधिकारी को समिति में शामिल करने का निर्देश दिया.

NEWS SOURCE Credit : lalluram