कर्नाटक के मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा के बीच राजनीतिक पर्यवेक्षक मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की नयी दिल्ली यात्रा पर उत्सुकता से नजर रख रहे हैं। कर्नाटक कांग्रेस के दोनों प्रभावशाली नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा लिखित पुस्तक के विमोचन में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी से मुलाकात की और उनसे चर्चा की। एक पखवाड़े पहले मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि उन्होंने दिल्ली के अपने दौरे के दौरान मंत्रिमंडल में फेरबदल पर चर्चा के लिए राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, “अगर मुझे चर्चा का अवसर मिला तो मैं दिल्ली में ही रुकूंगा या 15 नवंबर की रात को वापस आऊंगा।” सिद्धरमैया ने यह भी कहा था कि वह बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी आलाकमान के साथ मंत्रिमंडल में फेरबदल पर चर्चा करेंगे। सिद्धरमैया द्वारा अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने पर जोर दिए जाने के साथ शिवकुमार की नयी दिल्ली में उपस्थिति से नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा फिर से तेज हो गई है।
कोई ‘नवंबर क्रांति’ नहीं होगी
मंत्री ज़मीर अहमद खान के अनुसार, कोई ‘नवंबर क्रांति’ नहीं होगी। ‘नवंबर क्रांति’ शब्द मंत्री के एन राजन्ना ने दिया था, जिन्होंने संकेत दिया था कि सरकार में बड़ा बदलाव होगा। अनुमान लगाया जा रहा था कि उनका इशारा राज्य में सत्ता परिवर्तन की ओर था। मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा शुरू होते ही कई कांग्रेस विधायकों ने मंत्री पद हासिल करने के लिए अपनी पैरवी शुरू कर दी है।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि विधायक एन ए हैरिस, रिजवान अरशद, बी के हरिप्रसाद, बेलूर गोपालकृष्ण, एचसी बालकृष्ण, बेलूर गोपालकृष्ण, सलीम अहमद, आर वी देशपांडे, प्रसाद अब्बय्या नागेंद्र, एम कृष्णप्पा, लक्ष्मण सावदी, ए एस पोन्नन्ना, शिवालिंगे गौड़ा और रूपकला शशिधर और मलूर नांजेगौड़ा मंत्री पद के शीर्ष दावेदारों में से हैं।
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