पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया (INDIA) गठबंधन के नेतृत्व पर अपना दावा ठोका है। कांग्रेस इस दावे से असहज हो गई है। लेकिन समाजवादी पार्टी और शरद पवार की एनसीपी ने ममता के नाम का समर्थन किया है। इस बीच पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिका ने भी अपनी राय व्यक्त की है। उनका कहना है कि अगर इंडिया गठबंधन के सभी दल ममता बनर्जी को अपने नेता के रूप में आगे लाते हैं, तो यह गठबंधन निश्चित रूप से सफल होगा। उन्होंने ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे को इंडिया गठबंधन के लिए सबसे अच्छा नेता माना है।
सत्यपाल मलिक का यह बयान ने ममता बनर्जी को एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के तौर पर पहचाना है। उनका यह यह बयान ऐसे समय में आया है जब इंडिया गठबंधन के विभिन्न दल अपने नेतृत्व और चुनावी रणनीतियों पर विचार कर रहे हैं। सत्यपाल मलिक ने ममता और उद्धव ठाकरे दोनों को इस गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता बताया।
उन्होंने कहा, ”आज के समय में इंडिया गठबंधन के लिए सबसे मजबूत नेता कोई है तो वह ममता बनर्जी हैं। अगर इंडिया गठबंधन के सभी दल ममता बनर्जी को अपने नेता के रूप में आगे आने दें तो यकीनन इंडिया गठबंधन सफल होगा। इंडिया गठबंधन के लिए सबसे अच्छे नेता ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे जी हैं।”
पवार ने ममता को बताया काबिल नेता
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की अगुवाई करने की इच्छा जाहिर की है। शरद पवार ने शनिवार को कोल्हापुर में संवाददाताओं ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एक काबिल नेता हैं और उन्हें विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जाहिर करने का अधिकार है।
इस सप्ताह की शुरुआत में ममता ने कहा था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए वह विपक्षी गठबंधन के संचालन की जिम्मेदारी भी संभाल सकती हैं। ममता ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब हाल में हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में हुए चुनावों में कांग्रेस को मिली हार और विभिन्न क्षेत्रीय दलों के बीच असंतोष के कारण विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में मतभेद सामने आए हैं।
टीएमसी प्रमुख ने कहा है कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका जारी रखते हुए विपक्षी मोर्चे के नेतृत्व की दोहरी जिम्मेदारी संभाल सकती हैं। अब सभी की निगाहें कांग्रेस के अगले कदम पर टिकी हैं, क्योंकि प्रमुख विपक्षी पार्टी अडानी और किसानों के मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन समेत कई मुद्दों पर संसद में खुद को अलग-थलग पाती है जहां इसके कई सहयोगी इससे दूर रहते हैं।
आपको बता दें कि इंडिया गठबंधन का गठन विपक्षी दलों द्वारा किया गया है, जिसमें विभिन्न दलों को एकजुट करने की कोशिश की गई थी। इस गठबंधन का उद्देश्य 2024 के आम चुनावों में भाजपा के खिलाफ मजबूत विकल्प प्रस्तुत करना था। चुनाव से पहले ही इस गठबंधन से नीतीश कुमार ने अपनी राह अलग कर ली और भाजपा के साथ एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए।
NEWS SOURCE Credit : livehindustan