जानें किस उम्र की महिलाओं को होता है सबसे ज्यादा खतरा?, सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है। लेकिन आज भी महिलाएं इस बीमारी को लेकर जागरूक नहीं है। इसलिए, 17 नवंबर को World Cervical Cancer Elimination Day of Action मनाया जाता है। यह दिन सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने और लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नेतृत्व में, यह एक प्रयास है और दुनिया भर के संगठन और स्वास्थ्य पेशेवर इस दिन को मनाने के लिए मिलकर काम करते हैं।

अगर, शुरुआती चरण में ही सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है। इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों और जोखिम वाली उम्र को समझना बहुत जरूरी है। पीएसआरआई अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार हेमेटोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. अमित उपाध्याय बता रहे हैं सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या है और किस उम्र की महिलाओं में इसका खतरा बढ़ जाता है?

सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण

सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर बहुत हल्के होते हैं, इसलिए कई महिलाओं को शुरुआत में इसका पता ही नहीं चलता। शुरुआती संकेतों में अनियमित योनि रक्तस्राव शामिल है जैसे पीरियड्स के बीच में खून आना, संभोग के बाद स्पॉटिंग होना या मेनोपॉज़ के बाद भी ब्लीडिंग होना। इसके अलावा, योनि स्राव (वजाइनल डिस्चार्ज) में बदलाव, जैसे गंध आना, रंग बदलना या मात्रा बढ़ जाना भी एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। कुछ महिलाओं को पेल्विक दर्द, कमर या पैरों में दर्द महसूस हो सकता है, खासकर जब कैंसर आसपास के ऊतकों में फैलने लगे।

किस उम्र में होता है सर्वाइकल कैंसर?

जहाँ तक उम्र की बात है, सर्वाइकल कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा 30 से 50 वर्ष की महिलाओं में देखा जाता है हालांकि HPV संक्रमण जल्दी उम्र में भी हो सकता है, लेकिन कैंसर बनने की प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है और आमतौर पर 30 की उम्र के बाद इसका जोखिम बढ़ने लगता है। वे महिलाएँ जो नियमित पाप स्मीयर या HPV टेस्ट नहीं करातीं, उनमें खतरा और भी अधिक होता है।

अच्छी बात यह है कि सर्वाइकल कैंसर को स्क्रीनिंग और HPV वैक्सीन से काफी हद तक रोका जा सकता है। इसलिए 21 वर्ष के बाद नियमित जांच और समय पर टीकाकरण हर महिला के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

NEWS SOURCE Credit :indiatv