बारिश के बाद हवा चलने से धान की तैयार खड़ी फसल गिरने से किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों ने सरकार से सर्वे कर मुआवजा देने की मांग की है।

झबरेड़ा, लखनौता और इकबालपुर क्षेत्र में धान की देरी से पकने वाली फसल की अभी कटाई नहीं हुई है। कटाई के लिए फसल लगभग तैयार खड़ी है लेकिन बेमौसमी बारिश ने इसे नुकसान पहुंचाया है। बारिश के बाद हवा चलने से पकी हुई फसल जमींदोज हो गई है। खासकर धान की शरबती प्रजाति को ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
किसान राजपाल सिंह, संजय व बिजेंद्र आदि ने बताया कि धान की तैयार खड़ी फसल बारिश में हवा चलने से जमीन पर गिर गई हैं। खेतों में बारिश पानी भरने से धान की बालियां पानी में डूब गई हैं जिससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। किसान की खराब हुई फसल का सर्वे कराकर सरकार को मुआवजा देना चाहिए। सहायक कृषि विकास अधिकारी चैन पाल सिंह ने बताया कि खेतों में भरे पानी की निकासी तुरंत कर देनी चाहिए। बालियां पानी में डूबने से धान का दाना काला पड़कर खराब हो जाता है।
गन्ने को भी पहुंचा नुकसान
वहीं गन्ने की फसल भी हवा चलने से कई जगह पर गिर गई हैं। मंगलवार को किसान गन्ने की बंधाई करने में जुटे रहे। गन्ना पर्यवेक्षक राहुल कुमार ने बताया कि गिरे हुए गन्ने के उत्पादन में कमी आ जाती है इसलिए किसान को गन्ने की बंधाई तुरंत कर देनी चाहिए।