Sambhal News: शाही जामा मस्जिद के वकील शकील अहमद वारसी ने बुधवार को कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा ‘जुमा मस्जिद’ नाम से भेजा गया साइन बोर्ड ‘गलत’ है, क्योंकि यह मस्जिद पहले से ही शाही जामा मस्जिद के नाम से प्रसिद्ध है।

यह नया विवाद है जिसकी कोई जरूरत नहीं: मस्जिद के वकील वारसी
मिली जानकारी के मुताबिक, वारसी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह नया विवाद है जिसकी कोई जरूरत नहीं है। बोर्ड भेजने की जरूरत क्या पड़ रही थी और जो बोर्ड पहले से लगा हुआ था उसे ही लगा रहने देते। उन्होंने कहा कि मस्जिद के प्रबंधन के साथ ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील और उच्चतम न्यायालय के वकील से सलाह-मशविरे के बाद इस पर आपत्ति दर्ज कराई जाएगी।
‘जुमा मस्जिद’ नाम से गलत बोर्ड भेजा गया: मस्जिद के वकील वारसी
बताया जा रहा है कि एएसआई ने एक नया साइन बोर्ड भेजा है जिसमें मस्जिद का नाम ‘जुमा मस्जिद’ लिखा गया है। एएसआई के वकील विष्णु शर्मा ने पहले एक न्यूज एजेंसी से कहा था कि मस्जिद के बाहर पहले एएसआई का एक बोर्ड लगा था, लेकिन कुछ व्यक्तियों ने कथित तौर पर इसे हटाकर ‘शाही जामा मस्जिद’ लिखा बोर्ड लगा दिया। नया बोर्ड एएसआई के दस्तावेजों में दर्ज नाम ‘जुमा मस्जिद’ के अनुसार बनाया गया है।
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