CM अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया. केजरीवाल की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत का अनुरोध किया. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम कोई अंतरिम जमानत नहीं दे सकते हैं.
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि उनके पक्ष में 3 बार जमानत के आदेश दिए जा चुके हैं. इसमें सेक्शन 45 का मामला भी शामिल है. PMLA ने मई में अंतरिम आदेश जारी कर दिया था. इसके बाद PMLA में जून में नियमित जमानत दी गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी. हालांकि, इस दलील के बाद भी कोर्ट ने उन्हें फिलहाल जमानत नहीं दी.
अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में CBI के जरिए अपने ऊपर दर्ज किए गए केस में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयांन की पीठ ने CBI को नोटिस जारी कर उसका जवाब मांगा है.
सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल को 3 बार अंतरिम जमानत मिली है. सुप्रीम कोर्ट से 10 मई और 12 जुलाई को उन्हें अंतरिम जमानत मिली है. उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा 20 जून को दिए गए जमानत आदेश का भी जिक्र किया. सिंघवी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. उन्होंने इस बात की भी दलील दी कि CBI केस में जमानत से कैसे इनकार किया जा सकता है, जब कठोर शर्तें ही नहीं हैं.
हम अंतरिम जमानत नहीं दे रहे: SC
अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि ED केस में अंतरिम जमानत से पहले CBI ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया, इसलिए, वह अभी तक जेल में हैं. वह सिर्फ अंतरिम जमानत चाहते हैं. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “हम किसी भी तरह की अंतरिम जमानत नहीं दे रहे हैं.” सिंघवी ने अदालत से गुजारिश की कि केजरीवाल स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, इसलिए मामले पर जल्द सुनवाई की जाए. इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दी.
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