आयुर्वेदिक उपाय से सॉल्व होगी समस्या, महसूस होती है नसों में झनझनाहट और मसल्स में अकड़न

अगर आप भी हर रोज योग करते हैं तो चलिए आज आप अपनी स्ट्रेंथ-फ्लेक्सिबिलिटी चेक करने के लिए एक चैलेंज को स्वीकार कीजिए। इस चैलेंज के मुताबिक सबसे पहले आपको अपने दोनों पैर आगे करने हैं। अब अपने एक पैर को अंदर ले जाकर घुमाना है और फिर वापस उसी पोजिशन पर ले आना है। इसी तरह दूसरे पैर से भी यही पोजिशन करनी है। अगर आप इस चैलेंज में सफल हो गए हैं तो इस टेस्ट के फायदे के बारे में जानते हैं। दरअसल, ये चैलेंज आपके पैरों की सेहत के लिए बहुत जरूरी है। लोगों की पैदल चलने की आदत छूट गई है। कुछ दूर चलने पर ही अक्सर लोग पैरों में दर्द की शिकायत करने लगते हैं और कुछ तो ऐसे हैं जो लंबी सिटिंग के बाद खड़े होते हैं तो लड़खड़ाने लगते हैं।

इस दिक्कत की वजह से ‘पैड यानी पेरिफेरल आर्टरी डिजीज’ नाम की एक नई बीमारी आ गई है जिसमें ब्लड सर्कुलेशन गड़बड़ाता है। नसों में फैट जमने से वो संकरी हो जाती हैं और बॉडी के अंदर खून की सप्लाई कमी होने लगती है। इसका नतीजा ये होता है कि पैरों-हाथों की मांसपेशियों में ऐंठन-दर्द होने लगता है। इसके अलावा शरीर के जख्म जल्दी नहीं भरते, पैरों का रंग बदलने लगता है और कई बार तो गैंग्रीन भी हो जाता है। हालांकि, नसों के ब्लॉकेज को खोलने के लिए आए दिन नई-नई तकनीक आ रही हैं। अगर आप नसों के ब्लॉकेज को खोलने के लिए आयुर्वेद और योग की मदद लेते हैं तो आपको स्टंट की जरूरत नहीं पड़ेगी।

नसों पर भारी बिगड़ा ब्लड सर्कुलेशन
जलन

अकड़न
क्लॉटिंग
हार्ट अटैक का डर
ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

मसल्स में दिक्कत होने के कारण
ब्लड फ्लो रुकने से
नसों पर दबाव पड़ने से
पोषक तत्वों की कमी से

मसल्स की कमजोरी कैसे करें दूर?
रोजाना व्यायाम करें
विटामिन-डी से भरपूर खाना खाएं
दिन में 4-5 लीटर पानी पिएं
आंवले का सेवन करें

नसों का रखें ख्याल
वजन कंट्रोल
कम नमक
कम चीनी
टाइट कपड़े न पहनें

नर्व्स बनेंगी मजबूत
गिलोय
अश्वगंधा
गुग्गुल
गोखरू
पुनर्नवा

NEWS SOURCE Credit : indiatv