एसडीएम ऑफिस के पीछे भारी मलबा आने से मची अफरातफरी, अधिकारी-कर्मचारी तुरंत भागे

थराली के चेपड़ों बाजार में तीसरे दिन सोमवार को रेसक्यू कार्य शुरू हुआ। एसडीआरएफ, डीडीआरएफ रेसक्यू अभियान में लगी है। शुक्रवार की रात भारी बारिश और गदेरे के आए उफान से भारी नुकसान हुआ। गदेरे के सैलाब में 11 लोग घायल हो गए थे। जबकि एक बुजुर्ग लापता हैं। लापता बुजुर्ग को खोजने में टीमें जुटी हैं।

राजकीय पॉलिटेक्निक कुलसारी के परिसर में स्थापित आपदा राहत शिविर में प्रभावित परिवार रह रहे हैं। शिविर में रह रहे दलीप राम, आरती और सावित्री देवी ने बताया कि वे अपने पूरे परिवार के साथ यहां ठहरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राहत व्यवस्था की गई। वर्तमान में 29 लोग कुलसारी राहत केंद्र में रुके हुए है।

परिवारों को शिविर में भोजन, चिकित्सा, पेयजल एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। थराली के कोटडीप, राड़ीबगड़ इलाके में आसमान से बरसी आफत ने ऐसा कहर बरपाया कि लोगों की ओर से एक-एक पाई जोड़कर बनाए गए आशियाने हों या गुजर बसर की सामग्री, सब एक पल में ही मलबे से तबाह हो गई। कई आपदा प्रभावित अब बेघर हैं।

एसडीएम ऑफिस के पीछे से आया भारी मलबा, खाली कराया गया 
थराली तहसील में एसडीएम कार्यालय के पीछे से अचानक मलबा आ जाने से अफरातफरी मच गई। एसडीएम सहित सभी कर्मचारी कार्यालय से तुरंत भागे। ऑफिस से सभी पत्रावलियां हटाई गई।

डीएम बोले-आपदा से ग्रस्त सड़कों को लगभग सुचारू कर लिया गया
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि थराली में आपदा से ग्रस्त सड़कों को लगभग सुचारु कर लिया गया है। प्रशासन लगातार प्रभावित क्षेत्र पर निगरानी बनाए हुए है। शीघ्र ही आधारभूत सभी व्यवस्थाएं सुचारु कर ली जाएंगी।

सीएम को बताई प्रभावितों ने अपनी व्यथा
थराली क्षेत्र के प्रभावित करीब 20 से 25 लोग आपदा राहत एवं बचाव केंद्र राजकीय पॉलीटेक्निक में रह रहे हैं। रविवार दोपहर को सीएम पुष्कर सिंह धामी कुलसारी हेलिपैड पहुंचे इसके बाद प्रभावितों से मिलने के लिए सीधे राहत केंद्र पहुंचे। आपदा में मृत कविता के पिता नरेंद्र सिंह सीएम को अपनी व्यथा बताते हुए रो पड़े।