देहरादून : देहरादून में जाम के झाम से निजात दिलाने के लिए बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रालय में मेट्रो नियो चलाने का प्रस्ताव लटकने के बाद अब सरकार मानवरहित पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी, पॉड टैक्सी) चलाने की तैयारी कर रही है।सरकार नियो मेट्रो पर केंद्र से हरी झंडी मिलने की कम संभावनाओं के बीच हरिद्वार के साथ दून में भी पॉड कार यानी पीआरटी सिस्टम लाएगी। जल्द ही दून की सड़कों पर पॉड टैक्सी फर्राटा भरती नजर आएगी। POD Taxi will soon be seen running in Dehradun


मीडिया रिपोर्टस के अनुसार देहरादून में नियो मेट्रो का संचालन नहीं हो पाने के कारण पीआरटी सिस्टम लागू हो सकता है। इसके लिए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूकेएमआरसी) को सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कंप्रेंसिहिव मोबिलिटी प्लान के तहत पीआरटी सिस्टम का प्रजेंटेशन दिया। POD Taxi will soon be seen running in Dehradun

शासन की और से सिंगापुर की तर्ज पर पर्सनल रैपिड ट्रॉजिट ट्रांसपोर्ट, पीआरटी के तहत बिना ड्राइवर वाली पॉड टैक्सी चलाने की योजना पर सहमति दी गई थी। यूकेएमआरसी ने दून में 2022 करोड़ की लागत से 18 किमी रोपवे, 1778 करोड़ की लागत से 25 किमी एलिवेटेड बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) का प्रस्ताव दिया, जिसे मुख्य सचिव ने अव्यवहारिक बताया। तीसरा विकल्प दून में 1753 करोड़ की लागत से 25 किमी पीआरटी का आया। POD Taxi will soon be seen running in Dehradun

इन रूटों पर होगा संचालन
अब देहरादून में भी 25 किमी पीआरटी को लेकर सर्वे कराया जाएगा। बताया जा रहा है कि पहले चरण में पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन तक 6 किमी के रुट पर इसका संचालन किया जा सकता है। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर पॉड टैक्सी को पंडितवाडी से रेलवे स्टेशन तक चलाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि मेट्रो कारपोरेशन की योजना के तहत पांच सौ पॉड टैक्सी चलाई जाएंगी। एक पॉड में छह लोग बैठ सकेंगे। इनकी स्पीड 40 से 60 किमी प्रति घंटे होगी। फिरहाल कारपोरेशन द्वारा चिन्हित इन सभी कॉरिडोर पर ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन का अध्ययन कराया जा रहा है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कारपोरेशन इसकी डीपीआर तैयार करके शासन के समक्ष रखा जाएगा। POD Taxi will soon be seen running in Dehradun

दो मिनट के भीतर मिलेगी पॉड
आपको बता दें कि कोच को पॉड कहा जाता है। चालक रहित यह प्रणाली प्रत्येक कोच व पूरे ट्रैक पर स्थापित लेजर बेस्ड गाइडिंग के आधार पर संचालित होती है। इस प्रणाली में बनने वाले प्लेटफार्म पर लोग टच स्क्रीन कंट्रोल पैनल पर गंतव्य का स्थान डालेंगे और दो मिनट के भीतर पॉड वहां आ जाएगा। पॉड टैक्सी या विशेष तौर पर निर्मित गाइडवे नेटवर्क पर 4-6 यात्रियों की क्षमता वाले वाहन संचालित होंगे। पॉड कार उन इलाकों के लिए यातायात का सबसे सही साधन है, जहां काफी भीड़भाड़ हो और जमीन पर ट्रैफिक के लिए और साधन बनाने की जगह न हो। POD Taxi will soon be seen running in Dehradun