उत्तरकाशी : (शाहिद अंसारी) उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों का आज, 28 नवंबर 17वां दिन है. मशीन से ड्रिलिंग की कोशिशों में झटका लगने के बाद अब मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही है. एक तरफ तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. आइए देखते हैं कि सुरंग हादसे में अब क्या नए अपडेट हैं.
सिल्कयारा सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए मैनुअल ड्रिलिंग का काम चल रहा है। माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने मंगलवार सुबह कहा कि अब तक 3 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग की जा चुकी है और कुल मिलाकर लगभग 50 मीटर ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है, फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए सुरंग के अंदर एक पाइप बिछाने के लिए सुरंग के मुहाने से लगभग 57 मीटर तक ड्रिलिंग का काम किया जाना है।
चल रहे ड्रिलिंग कार्य पर बोलते हुए, क्रिस कूपर ने कहा, कल रात हम 50 मीटर पार कर चुके हैं। अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है। कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं थी। यह बहुत सकारात्मक लग रहा है । इससे पहले बचाव दल ने पाइप बिछाने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग करके लगभग 47 मीटर ड्रिलिंग का काम पूरा कर लिया था। ऑगर मशीन के मलबे में फंस जाने के कारण ड्रिलिंग कार्य रोक दिया गया, जिसे बाद में प्लाज़्मा कटर का उपयोग करके काटकर निकाला गया।
उन्होंने कहा, समय सीमा के बारे में नहीं कहा जा सकता, लेकिन आइए आशा और प्रार्थना करें कि कम से कम बाधाएं आएं और हम इसे जल्दी से करने में सक्षम होंगे। अधिकारियों ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिक स्थिर और सुरक्षित हैं। साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने सोमवार को कहा कि फिलहाल सुरंग के अंदर स्थिति नियंत्रण में है, उन्होंने कहा, चीजें नियंत्रण में हैं। भोजन और दवाएं आवश्यकता के अनुसार अंदर जा रही हैं। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को भी चल रहे प्रयासों का जायजा लिया। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने पीके मिश्रा के साथ सुरंग के अंदर काम का निरीक्षण किया।
आपको बता दें कि सिलक्यारा में सुरंग निर्माण के दौरान दिवाली के दिन ही 12 नवंबर को मजदूर टनल में फंस गए थे. अचानक टनल का एक हिस्सा ढह गया और 41 मजदूर उसी में फंस गए, तभी से उन्हें निकालने की कोशिशें जारी हैं.