अमित शाह की आंबेडकर को लेकर राज्यसभा में टिप्पणी के बाद से कांग्रेस लगातार सड़क से संसद तक विरोध प्रदर्शन कर रही है। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने भी लंबे समय बाद सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के लगातार हो रहे प्रदर्शन को अब मायावती ने दलित वोटों के लिए छलावा बताया है। मायावती ने इसी बहाने चुनावी बांड का भी मुद्दा उठाया और विरोधी पार्टियों को धन्नासेठों से पैसे लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।

मायावती ने गुरुवार को कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मामले में उनका व उनके अनुयाइयों की उपेक्षा व तिरस्कार करती है, लेकिन उनके वोट के स्वार्थ की खातिर किस्म-किस्म की छलावापूर्ण राजनीति भी करती है। इससे लोगों को हमेशा ही सावधान रहने की जरूरत है।
मायावती ने कहा कि देश की अधिकतर पार्टियाँ बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल के सहारे अपनी राजनीतिक गतिविधियां और चुनाव आदि लड़ाती हैं। जैसा कि वर्ष 2023-24 में इनको मिले अकूत धन के आंकड़ों से साबित है, जो इनके धन्नासेठ-समर्थक एवं गरीब व किसान विरोधी होने का प्रमुख कारण है।
कहा कि मीडिया के अनुसार वर्ष 2023-24 में भाजपा को पहले, बीआरएस को दूसरे व कांग्रेस को तीसरे नम्बर पर करोड़ों-अरबों रुपयों का चंदा मिला है, जबकि बीएसपी ही एक ऐसी पार्टी है जो अपने गरीब कार्यकर्ताओं के खून-पसीने की कमाई पर ही निर्भर रहती है। अतः सहारा लेकर इशारों से पाक-साफ है।
इससे कांग्रेस के दोहरे चाल, चरित्र व चेहरा का भी पर्दाफाश होता है कि वह पूंजीपतियों का विरोध करके संसद अवरोध करती है किन्तु उन्हीं धन्नासेठों से धन लेकर पार्टी चलाती है और सरकार बनने पर उन्हें लाभ पहुंचाने का कार्य करती है, जो इनकी राज्य सरकारों के कार्यकलापों से स्पष्ट है।
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