हिंदू धर्म में विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों को हमेशा शुभ मुहूर्त और ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही करना चाहिए। इस साल के अंतिम महीनों में खरमास के प्रभाव से विवाह जैसे मांगलिक कार्यों पर एक महीने के लिए रोक लग जाएगी। 2024 का साल खत्म होते ही 2025 की शुरुआत के साथ नए शुभ मुहूर्त शुरू होंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, विवाह को एक पवित्र संबंध माना जाता है और इसे शुभ समय में ही करना आवश्यक है। विवाह की सही तिथियां और कुंडली मिलान का ध्यान रखना चाहिए ताकि जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। हिंदू पंचांग के अनुसार, पूरे वर्ष में कुछ दिन खास होते हैं जब विवाह जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
2025 में विवाह के लिए 57 शुभ मुहूर्त होंगे, जिनमें से कुछ प्रमुख तिथियां –
जनवरी 14, 16, 20, 21, 30, 31
फरवरी 1, 4, 14, 17, 18, 19, 28
मार्च 2, 3, 6, 7, 12
अप्रैल 16, 18, 19, 20, 21, 22, 25, 29, 30
मई-1, 5, 6, 7, 8, 15, 17, 18, 19, 28 •
जून-1, 2, 4, 7
नवंबर-1, 2, 3, 7, 8, 12, 13, 24, 25, के ग्रह दशा और नक्षत्रों की स्थिति को देखकर शुभ समय पंडितों द्वारा देखा जाता है।
हालांकि, खरमास के दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकते। 15 दिसंबर 2024 से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के बाद खरमास की अवधि शुरू हो चुकी है, जो एक महीने तक चलेगी। इस दौरान शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार जैसे कार्यों पर रोक लगी रहती है।
वर्ष 2025 में मकर संक्रांति के बाद, यानी 14 जनवरी से इन कार्यों की शुरुआत होगी। साथ ही, जुलाई से नवंबर तक भगवान विष्णु की योगनिद्रा अवधि (देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक) के दौरान भी कोई शुभ मुहूर्त नहीं होगा। इसलिए, विवाह या अन्य मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त समय का चयन बहुत महत्वपूर्ण है।
NEWS SOURCE Credit : punjabkesari