Air Pollution Headache and Migraine: खराब एयर क्वालिटी का असर सिर्फ फेफड़ों पर नहीं, दिमाग और नर्वस सिस्टम पर भी पड़ता है. हवा में मौजूद टॉक्सिक कण (PM2.5, PM10, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि) शरीर में सूजन (inflammation), ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याएँ पैदा करते हैं, जिससे सिरदर्द और माइग्रेन का ट्रिगर होना बहुत आम है. आइये जानते हैं कि किस तरह प्रदूषित हवा सिरदर्द और माइग्रेन बढ़ाती है?
Air Pollution Headache and Migraine
ऑक्सिजन सप्लाई पर असर: हवा में प्रदूषक बढ़ने से दिमाग तक ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पाती, जिससे सिरदर्द हो सकता है.
सूजन और नर्व एक्टिविटी: प्रदूषण शरीर में सूजन बढ़ाता है, जो माइग्रेन के ट्रिगर को सक्रिय कर सकता है.
साइनस इरिटेशन: धूल और प्रदूषक कण नाक और साइनस को इरिटेट करते हैं. इससे साइनस प्रेशर बढ़ता है, जो सिरदर्द का कारण बनता है.
कार्बन मोनोऑक्साइड का प्रभाव: यह गैस सिरदर्द, चक्कर और थकान जैसी समस्याएँ बढ़ा सकती है.
कौन लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं?
- माइग्रेन के मरीज
- बच्चे और बुजुर्ग
- दमा या साइनस वाले लोग
- बाहर ज्यादा समय बिताने वाले
क्या करें? (Air Pollution Headache and Migraine)
मास्क पहनें (N95 / KN95): यह PM2.5 को काफी हद तक रोकता है और सिरदर्द के जोखिम को कम कर सकता है.
घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग: अगर AQI बहुत खराब हो, तो एयर प्यूरीफायर से राहत मिल सकती है.
पर्याप्त पानी पिएं: प्रदूषण शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ाता है, जिससे सिरदर्द और ज्यादा होता है.
भाप (Steam Inhalation) लें: साइनस में जमाव कम होता है और सिरदर्द में राहत मिल सकती है.
नींबू पानी, अदरक-शहद, तुलसी: इनसे इम्यूनिटी और सूजन कम करने में मदद मिलती है.
बाहर जाने से पहले ऐप पर AQI चेक करें: AQI 200+ होने पर बाहर का समय कम करें.
आंखों की सुरक्षा: प्रदूषण से आँखों में जलन भी सिरदर्द का कारण बनती है, आई ड्रॉप्स फायदेमंद हो सकते हैं (डॉक्टर द्वारा सुझाए गए).
NEWS SOURCE Credit :lalluram
