मेरठ–(भूमिक मेहरा) जल निगम में इंजीनियर महबूब हक की सात साल की बेटी का सोमवार दोपहर दिनदहाड़े घर के दरवाजे से अपहरण कर लिया गया। बदमाश सेंट्रो कार से बच्ची को लेकर फरार हो गए। बदमाशों ने इंजीनियर को कॉल करके तीन करोड़ फिरौती मांगी।

एसएसपी, एसपी सिटी समेत पुलिस का पूरा अमला बच्ची की तलाश में जुट गया। दो घंटे बाद बच्ची खुद घर पहुंच गई। उसने बताया कि बदमाश उसे घर से कुछ दूर पेड़ के पास छोड़ गए। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को नाैचंदी थानाक्षेत्र में मुठभेड़ के दाैरान गिरफ्तार कर लिया।जल निगम में इंजीनियर महबूब उल हक के यहां मेडिकल क्षेत्र के प्रवेश विहार निवासी आकाश नाम का युवक चालक था। दो साल पहले उसे रुपये चोरी करने के आरोपों के बाद नौकरी से हटा दिया था।
नौकरी से निकाले जाने का गुस्से और पैसों की जरूरत के चलते उसने परतापुर निवासी अपने साले अजय और दोस्त जागृति विहार निवासी राजू के साथ मिलकर बच्ची के अपहरण की साजिश रची। राजू भी जल निगम में प्राइवेट गाड़ी चलाता है।मायशा को रोजाना सुबह टेंपो चालक यादराम घर से लेकर सेंट थॉमस स्कूल जाता है। दोपहर को वह पौने दो बजे के करीब मायशा को छोड़ने आया। मायशा की मां गर्भवती हैं, तीसरी मंजिल पर रहने के कारण वह आजकल मायशा को लेने नीचे नहीं आतीं। इस वजह से टेंपो चालक ही मायशा को छोड़ने घर के अंदर जाता था।
सोमवार दोपहर 1:40 बजे मायशा के टेंपाे के आने से चार मिनट पहले एक सेंट्रो कार मकान के गेट के बाहर आकर रुकी। आरोपियों ने कार गेट से थोड़ा से आगे साइड में रोक दी। तीन मिनट बाद मायशा का टेंपो आया तो कार से अजय नीचे उतरा। वह मुंह पर रुमाल बांधे युवक ने गले में गमछा डाले हुआ था। वो मोबाइल पर बात कर रहा था।टेंपो के रुकते ही वह मोबाइल पर बात करते हुए मायशा का बैग कंधे पर टांगा। उसे टेंपो से नीचे उतारा। घर का गेट खोलकर बच्ची को लेकर भीतर चला गया। एक मिनट तक टेंपो चालक बाहर खड़े होकर मायशा की मां को फोन किया कि नीचे खड़ा एक लड़का उनकी बेटी को लेकर भीतर गया है, मायशा की मां बोलती हैं ठीक है।
इसके बाद यादराम टेंपो लेकर चला गया। उसके जाते ही युवक बाहर आया, उसके आगे-आगे मायशा चल रही थी। सेंट्रो के पास पहुंचकर वह पीछे का गेट खोलकर पहले मायशा को बैठाकर खुद बैठ गया और कार से फरार हो गए।फिराैती के लिए फोन आते ही घर में मचा हड़कंप
दोपहर को बच्ची के स्कूल से आने के समय इंजीनियर महबूब भोला झाल पर किसी निर्माण साइट पर थे। तभी उनके मोबाइल पर कॉल आई कि ‘तुम्हारी बेटी का अपहरण कर लिया गया है। उसकी सलामती चाहते हो तो तीन करोड़ का इंतजाम कर लो।’ पुलिस को इसके बारे में मत बताना। फिरौती की रकम कहां और कैसे देनी है, ये हम बाद में बताएंगे। फोन कटने के बाद दोबारा महबूब पर फोन आया कि पैसे तुमको नहीं लेकर आने हैं, ड्राइवर को भेजना। महबूब ने तुरंत घर पर कॉल किया तो पत्नी ने मायशा के घर नहीं आने की जानकारी दी।फुटेज चेक कर रही थी पुलिस, घर पहुंची मासूम
घर के बाहर लगे सीसीटीवी की फुटेज चेक की गई तो एक नकाबपोश युवक बच्ची को गेट पर टेंपो से उतारकर पहले गेट तक ले जा रहा है, इसके बाद वो उसे लेकर सेंट्रो में जाता नजर आया। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने पूरे मामले की जानकारी के बाद नौचंदी थाना पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच टीम को लगाकर शहर में चेकिंग शुरू करा दी। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह और एसपी क्राइम बच्ची के घर पहुंचकर परिजन से बात करके सीसीटीवी फुटेज चेक करा रहा थे। इसी बीच दो घंटे बाद बच्ची खुद ही घर पहुंच गई।