दूतावास से पुष्टि का इंतजार, रूस में एक और भारतीय ने गंवाई जान, केरल के परिवार का दावा

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में एक और भारतीय के मारे जाने का दावा किया गया है। यह व्यक्ति केरल के त्रिसूर जिले का रहने वाला है। परिवार का दावा है कि वह नौकरी की तलाश में दो अप्रैल को रूस गया था। फिलहाल भारतीय दूतावास से आधिकारिक पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है। त्रिशूर जिले के त्रिक्कुर में संदीप चंद्रन (36) के परिवार का कहना है कि उन्हें मौत की जानकारी मिली है। इसके मुताबिक संदीप 16 अगस्त को रूस में एक सैन्य ट्रक में जा रहे थे। उसी समय गोलीबारी में उनकी मौत हो गई। संदीप के भाई सरन ने बताया कि रूस में युद्ध के दौरान के केरल के व्यक्ति मारे जाने की सूचना मलयाली एसोसिएशन के वॉट्सऐप ग्रुप में सर्कुलेट हो रही थी। इसके बाद उन लोगों ने हमसे संपर्क किया और डिटेल मांगी। डिलेट मैच होने के बाद उन्होंने पुष्टि की है कि यह संदीप ही थे। उन्होंने कहा कि हमने संदीप की तस्वीरें भी भेजी हैं। सरन के मुताबिक संदीप का शव लाने के लिए उन्होंने भारतीय दूतावास, स्थानीय विधायक और सांसद को भी अलर्ट कर दिया है।

सरन ने कहा कि संदीप अविवाहित था और उसके परिवार में पिता, मां (दोनों दिहाड़ी मजदूर), छोटा भाई और छोटी बहन हैं। सरन ने बताया कि संदीप को यह नौकरी एक एजेंसी के जरिए मिली थी। उससे बताया गया था कि कि मॉस्को के एक रेस्टोरेंट में काम करना है। उन लोगों को उम्मीद कि संदीप की कमाई उनके परिवार को गरीबी और कर्ज से बाहर निकाल देगी। शुरुआती महीनों में संदीप अपने परिवार के साथ लगातार संपर्क में था। उसने अपनी नौकरी को लेकर खुशी जताई। बाद में उसने परिवार को बताया कि युद्धस्थल से दूर एक सुरक्षित क्षेत्र में आर्मी कैंटीन में काम करने के लिए तैयार किया जा रहा था।

संदीप के चचेरे भाई ने कहा कि बाद में फोन कॉल्स काफी कम होने लगे। उन्होंने बताया कि बीच-बीच में उन्हें ट्रेनिंग लेनी पड़ी। हमें नहीं पता था कि उसे युद्ध में शामिल किया जा रहा है। सरन ने कहा कि मैंने आखिरी बार उनसे 2 अगस्त को वीडियो कॉल पर बात की थी। वह तब अपनी नौकरी से संतुष्ट था और किसी भी तरह के खतरे के बारे में नहीं बताया था। जिले के कम से कम 11 अन्य लोग थे जो संदीप के साथ रूस के लिए रवाना हुए थे। माना जाता है कि यह लोग वहां के अलग-अलग हिस्सों में हैं।

स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि अनु पनमकुदन ने बताया कि संदीप यहां प्लंबर और इलेक्ट्रिशियन के रूप में काम करता था। वह काफी मेहनती था लेकिन अपनी जरूरतें पूरी करना उसके लिए मुश्किल हो रहा था। इन लोगों को उम्मीद थी कि रूस में संदीप की नौकरी से उनकी आर्थिक तौर पर मदद हो जाएगी। लेकिन उसकी मौत की खबर बहुत दुखद है। उन्होंने कहा कि कई युवा आकर्षक नौकरियों की तलाश में रूस जा रहे हैं। यह लोग वहां चल रहे युद्ध और इसके खतरों से अनजान है। उन्होंने कहा कि इनमें से कई को भर्ती एजेंसियां ठग रही हैं। लोगों के रूस जाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।

NEWS SOURCE Credit : livehindustan