देहरादून : उत्तराखंड के पांच जिलों में नई तरह की मेट्रो शराब की बिक्री की जाएगी। आबकारी नीति में शराब की बिक्री की व्यवस्था की गई है। मेट्रो शराब क्या है और इसकी बिक्री किन जिलों में होगी, ये सारी डिटेल आपको बताएंगे। Sale of “Metro Liquor” will start in five districts of Garhwal
मेट्रो शराब की बिक्री नए साल से शुरू होगी। उत्तराखंड गढ़वाल के इन पांचों जिलों में देसी शराब की बिक्री नहीं होती है। ऐसे में 40 प्रतिशत तीव्रता वाली इस शराब को देसी और विदेशी शराब के बीच का उत्पाद माना जा रहा है। इस नई शराब को विदेशी मदिरा की दुकानों में बेचा जा सकेगा। मेट्रो शराब का निर्माण प्रदेश की डिस्टीलरियों में ही किया जाएगा। इसके लिए 31 मार्च से पहले राजस्व समेत विभिन्न नियम कायदे तय कर दिए जाएंगे। Sale of “Metro Liquor” will start in five districts of Garhwal
बता दें कि भारत निर्मित अंग्रेजी शराब की तीव्रता 42.8 होती है। जबकि, देसी शराब 36 और 25 प्रतिशत की तीव्रता की होती है। लेकिन, मेट्रो की तीव्रता 40 प्रतिशत होगी। यानी इसमें एल्कोहल की मात्रा 40 प्रतिशत होती है। ऐसे में जिन जिलों में देसी शराब की बिक्री नहीं होती, वहां इसे देसी का ही विकल्प माना जा रहा है। हालांकि, इसके लिए अलग से ठेके नहीं खोले जाएंगे। इसे विदेशी मदिरा दुकानों से ही खरीदा जा सकेगा। Sale of “Metro Liquor” will start in five districts of Garhwal
मेट्रो शराब फलों और वनस्पतियों के स्वाद से युक्त उच्च गुणवत्ता युक्त स्प्रिट से प्रदेश की डिस्टीलरियों में ही बनेगी। गौरतलब है कि गढ़वाल के उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और चमोली में देसी शराब की बिक्री नहीं होती है। इन जगहों के लिए अब नई आबकारी नीति में नई तरह की शराब की बिक्री की व्यवस्था की गई है। Sale of “Metro Liquor” will start in five districts of Garhwal