हल्द्वानी में आज से तीन दिवसीय जोहर महोत्सव की रंगारंग शुरुआत हो गई है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ के बॉर्डर एरियाज में रहने वाले दारमा, व्यास और चौदास घाटी की संस्कृति की झलक त्यौहार महोत्सव के शुभारंभ में भव्य झांकी में दिखाई दी। पूरी तरह से पर्वतीय अंचल के खान-पान और वेशभूषा और संस्कृति को अपने में समेटे हुए जोहर महोत्सव तीन दिनों तक आयोजित होगा जिसमें उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक कलाकारों का शानदार प्रदर्शन होगा इसके साथ ही सीमांत क्षेत्र की लोक संस्कृति और लोक कला की सुंदर झलक भी देखने को मिलेगी।
विगत 13 वर्ष से हल्द्वानी में लग रहे जोहर महोत्सव सीमांत क्षेत्र के लोगों को एकजुट करने और अपनी संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए इस जवाहर महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है सांस्कृतिक सचिव नरेंद्र टोलिया ने बताया कि 60 से अधिक स्टॉल स्थानीय उत्पादों के लगे है। इसके अलावा 54 से अधिक स्थानीय टीमों द्वार रंगारंग प्रस्तुतियों को तीन दिवसीय जोहर महोत्सव में देखने को मिलेगा। वही घर से अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सज धज कर आई गीता पांगती ने बताया कि पूरे साल से वह इस जोहर महोत्सव का इंतजार करते हैं जहां उनके अपने क्षेत्र के लोग अपनी एक वेशभूषा और लोक संस्कृति की एक छटा के भीतर दिखाई देते हैं।