नैनीताल जाने वाले यात्री दे ध्यान , जाने क्यों लगी टिपिन टॉप जाने पर पाबंदी।

उत्तराखंड के पर्यटक स्थल नैनीताल मैं समुद्र तल से करीब 2290 मीटर ऊंचाई पर स्थित टिपीन टॉप जाने पर सरकार ने पाबंदी लगा दी है । यह फैसला पहाड़ों पर भूस्खलन की वजह लिया गया है । जानकारों की माने तो ब्रिटिश काल से लेकर अब तक ऐसा पहली बार हुआ है जब ऐसे किसी पहाड़ी इलाके पर जाने पर प्रतिबंध लगाया गया हो ।

उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए अंग्रेजों ने यहां कई प्रकार के पर्यटक स्थल विकसित किए। पहाड़ों के दबाव झेलने की क्षमता के चलते पर्यटकों की संख्या भी सीमित की गई। परंतु 21 वीं सदी में अपने निजी स्वार्थ के लिए पैसा कमाने की होड़ में कई स्थल भूस्खलन की चपेट में आ चुके हैं। उन्हीं में से एक है नैनीताल का टिपिन टॉप जहां बीते मंगलवार को रात तकरीबन 11:00 बजे के आसपास भूस्खलन हुआ जिसकी जानकारी मिलते ही अफसरों की टीम मौके पर पहुंची परंतु खराब मौसम और अंधेरे के चलते कोई निर्णय नहीं लिया जा सका ।

इधर बुधवार को पटवारी समेत कई अफसर ने टिपिन टॉप का मुआयना किया । दोपहर को एसडीएम समेत कई अधिकारी भी वहां पहुंचे । पहाड़ों से गिरे मलवे को खतरा मानते हुए डोरोथी सीट और सड़क से टिफिन टॉप को जाने वाले रास्ते पर तारबाड़ कर दी गई । इस दौरान सिंचाई विभाग और वन विभाग के अफसर भी मौजूद रहे ।