रुड़की। ‘एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा’ ईश्वरीय मंत्र के दृष्टा ऋषि सतपुरूष बाबा फुलसन्दे वालों ने कहा कि अपने अपने अपने तरीके से सारा संसार उस सच्चे सिरजनहार को याद करता रहता है, किंतु इस पृथ्वी पर रहने वाले अधिकांश लोग पाप आचरण में लगे रहते हैं, झूठ बोलते हैं, दूसरों को ठगते हैं, अपना बनाकर धोखा देते हैं, इसलिए उन लोगों का जीवन पशु तुल्य हो जाता है और वे जीवन भर दुख, कलेश और अशांति में डूबे रहते हैं। उक्त उदगार सत्पुरुष बाबा फुलसन्दे वालों ने यहां रामनगर स्थित श्रीराम लीला मैदान में आयोजित त्रिदिवसीय दिव्य सत्संग के समापन समारोह में उपस्थित श्रद्धालुओं को धर्म प्रवचन करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अनेक दुष्कर्म करने के कारण जीवात्मा गर्भवास में आता है, कभी अंधा, कभी कोढ़ी, कभी दरिद्र बनकर अपने पिछले किए कर्मों को भोगता है, मनुष्य का मन जगत की तृष्णा में पशुओं की तरह विचरण करता रहता है, जिनके हृदय में ज्ञान का प्रकाश है उन्हीं को मनुष्य समझना चाहिए, ना कि बिना पूंछ और सींग के पशु है ऐसा जानना चाहिए।


सत्पुरुष कहते हैं कि ना तो नक्षत्र, ना देवी देवता, ना मित्र, ना सहायक इसमें कोई भी मनुष्य को मदद करने को आते अगर उसने अपने जीवन में पुण्य कर्म न किए हों, हमारे पुण्य कर्म ही हमको संसार में शांति प्रदान करते हैं, पुण्य कर्मों के कारण ही मनुष्य नरक की अग्नि से बचता है। बाबा ने कहा कि जिस व्यक्ति को सच्चे गुरु से परम ब्रह्म के मंत्र की दीक्षा प्राप्त हुई है, वे मनुष्य ही संसार में धन्य और भाग्यशाली हैं। बिना गुरु दीक्षा के सभी मनुष्यों का जीवन और बुद्धि अपवित्र बनी रहती है, चाहे उन्होंने चारों वेद ही पढ़ रखे हों। समापन समारोह में सत्संग के संयोजक डॉ. अशोक शर्मा आर्य ने सभी आगंतुकों श्रद्धालुओं व सभी सहयोगियों का हृदय से आभार/ धन्यवाद व्यक्त किया। समारोह में विधायक प्रदीप बत्रा, राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी, राज्य मंत्री शोभाराम प्रजापति, सभासद चंद्र प्रकाश बांटा, सभासद पंकज सतीजा, राम मूर्ति मेहंदी रता, रमेश भटेजा, शिक्षाविद सुबोध पुंडीर सरित, महेंद्र वर्मा, नरेश कपूर, भावना शर्मा, भीमसेन मेहंदी रता,अनीता, वीणा, लॉज, लाजवंती, सुषमा मदथा, बीएम लाल मदान आदि उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं ने सत्पुरुष का शॉल ओढ़ाकर, माल्यार्पण व पुष्प वर्षा कर स्वागत अभिनंदन किया तथा चरण वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

