टिहरी-पौड़ी समेत 5 जिलों में भी गड़बड़ी, उत्तरकाशी की जनता प्यासी, पैसा पी गए ठेकेदार

पानी के संकट से परेशान जनता पेयजल योजना के पूरा होने का इंतजार करती रह गई और ठेकेदार काम करने के बजाय पैसे लेकर नौ-दो ग्यारह हो गए। अफसरों की लापरवाही का आलम देखिए, कार्रवाई के बजाय उन्होंने मामले को छुपाने के लिए नए टेंडर कर ठेकेदारों को फिर एडवांस भुगतान कर दिया। 

अकेले उत्तरकाशी जिले में ठेकेदारों को करीब 76 करोड़ का एडवांस भुगतान हुआ है, जिसमें से कई ठेकेदार एडवांस लेकर गायब हैं। शिकायत पर जांच बिठा दी गई है। उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में देवजानी पेयजल योजना में ही ठेकेदार को एडवांस 10 करोड़ का भुगतान किया गया। 

इसी योजना का दोबारा टेंडर कर फिर ठेकेदार को एडवांस भुगतान किया गया। ऐसे ही उत्तरकाशी जिले में कई अन्य स्थानों पर भी गड़बड़ी हुई। खुद पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता ने ही सवाल खड़े किए। एसई आलोक कुमार की मुख्यालय में पहुंची रिपोर्ट ने अफसरों की नींद उड़ा दी।

टिहरी-पौड़ी समेत पांच जिलों में भी गड़बड़ी

जल जीवन मिशन में योजनाओं में गड़बड़ी की शिकायतें टिहरी, नैनीताल, हरिद्वार, अल्मोड़ा, पौड़ी को लेकर भी आ रही हैं। यहां भी किए गए एडवांस भुगतान के मामले संदिग्ध बताए जा रहे हैं। खर्चा बढ़ाने को ताबड़तोड़ एडवांस भुगतान किए गए।

जांच टीम उत्तरकाशी भेजी

एमडी रणवीर सिंह चौहान ने एक टीम गठित कर जांच को उत्तरकाशी रवाना कर दी है। जांच टीम उत्तरकाशी जिले की सभी पेयजल योजनाओं पर खर्च हुए बजट और मौके पर हुए काम की पड़ताल करेगी। जिले में करीब 161 योजनाएं ऐसी हैं, जिनमें फेज वन के कामों की अभी तक फाइनेंशियल कम्प्लीशन रिपोर्ट नहीं आई है।

अल्मोड़ा में रातों रात तुड़वाना पड़ा टैंक

अल्मोड़ा के रानीखेत में बयेड़ी पेयजल योजना का 17.26 करोड़ की लागत से घटिया गुणवत्ता का काम हुआ। ग्रामीणों ने मोर्चा खोला तो घटिया गुणवत्ता के टैंकों को तुड़वा दिया गया।

इस मामले में शिकायतों पर जांच बैठा दी गई है। क्यों ठेकेदारों की बैंक गारंटी, बांड जब्त नहीं किए गए। क्यों उन्हें ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया। कुल हुए भुगतान पर मौके पर कितना काम हुआ, इन तमाम पहलुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है। गड़बड़ी पुष्टि होने पर बेहद सख्त कार्रवाई की जाएगी।

NEWS SOURCE Credit : livehindustan