छात्रों ने क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र और राष्ट्रपति तपोवन में किया व्यावहारिक अध्ययन

बहादराबाद (हरिद्वार)। राजकमल साइंस एंड मैनेजमेंट कॉलेज, बहादराबाद के बी.एससी. वर्ग के विद्यार्थियों ने देहरादून स्थित क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एवं राष्ट्रपति तपोवन का एक दिवसीय शैक्षिक भ्रमण किया। यह भ्रमण विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र में विद्यार्थियों ने विभिन्न इंटरैक्टिव प्रदर्शनियों, मॉडलों और एक तारामंडल के माध्यम से विज्ञान और तकनीको का अवलोकन किया। इस दौरान छात्रों ने विज्ञान के सिद्धांतों को प्रत्यक्ष रूप से समझा और उनके व्यावहारिक उपयोग का अनुभव किया। विज्ञान धाम के कर्मचारियों ने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का सहजता और उत्साहपूर्वक समाधान किया, जिससे छात्रों में वैज्ञानिक समझ और अधिक प्रबल हुई। यहां छात्रों ने हिमालय वैज्ञानिक जिज्ञासा गैलरी का अवलोकन किया, जहाँ उन्होंने हिमालय की भौगोलिक स्थिति, पर्यटन स्थलों, संस्कृतिक प्रभाव, हिमालय जीवाश्मों और स्थानीय प्रजातियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
वहीं, राष्ट्रपति तपोवन के भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने दुर्लभ वनस्पतियों, औषधीय पौधों, स्थानीय पक्षियों और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के महत्व के बारे में ज्ञान अर्जित किया। उन्होंने प्रकृति की गोद में विविध प्रजातियों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और जैव-विविधता संरक्षण के व्यावहारिक उपायों पर चर्चा की।
छात्रों ने बताया कि क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र के मॉडल्स ने जटिल वैज्ञानिक सिद्धांतों को सरल और रोचक रूप में समझने में अत्यंत मदद की। यह अनुभव कक्षा की पढ़ाई को वास्तविक जीवन से जोड़ने वाला साबित हुआ।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राघवेंद्र चौहान ने कहा कि इस प्रकार के भ्रमण विद्यार्थियों को विज्ञान की गहराई तक समझने और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा, ऐसे अनुभव विद्यार्थियों में न केवल वैज्ञानिक सोच विकसित करते हैं बल्कि प्रकृति के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी की भावना भी उत्पन्न करते हैं। राष्ट्रपति तपोवन जैव-विविधता संरक्षण का उत्कृष्ट उदाहरण है
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. दीपा ने कहा कि भविष्य में भी कॉलेज इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमणों का आयोजन करता रहेगा, जिससे विद्यार्थियों में अनुसंधान की भावना, पर्यावरणीय संवेदनशीलता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण निरंतर विकसित होती रहे।


