आगामी कांवड़ मेला 2025 को लेकर उत्तराखंड पुलिस और जिला प्रशासन ने इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक अत्याधुनिक और डिजिटल पहल की है। “बस एक क्लिक में मिलेगी सारी जानकारी” अभियान के तहत अब कोई भी व्यक्ति QR कोड स्कैन कर के कांवड़ यात्रा से जुड़ी सभी प्रशासनिक जानकारियां प्राप्त कर सकता है। यह व्यवस्था हरिद्वार पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से लागू की गई है।

हरिद्वार पुलिस और प्रशासन ने इस बार डिजिटल इंडिया के विज़न के तहत एक ऐसी व्यवस्था बनाई है, जिससे करोड़ों श्रद्धालुओं को रूट प्लान, पार्किंग व्यवस्था, ट्रैफिक डायवर्जन, चिकित्सा सहायता, आपातकालीन संपर्क नंबर, व सुरक्षा उपायों की ताज़ा जानकारी सिर्फ एक QR कोड स्कैन करके मिल सकेगी।

QR कोड यानी Quick Response Code एक विशेष स्कैन करने योग्य कोड है, जिसे मोबाइल फोन के कैमरे या QR कोड स्कैनर ऐप से स्कैन करते ही यूज़र एक विशेष वेबपेज पर पहुंच जाएगा।
इस वेबपेज पर निम्न जानकारियां उपलब्ध हैं:
- मुख्य और वैकल्पिक कांवड़ रूट्स का नक्शा
- पार्किंग स्थलों का विवरण और गूगल मैप लिंक
- ट्रैफिक डायवर्जन व प्रतिबंधित क्षेत्र की सूची
- मेडिकल हेल्पलाइन, नजदीकी अस्पताल और मोबाइल चिकित्सा इकाइयों की जानकारी
- आपातकालीन सहायता नंबर (112, पुलिस कंट्रोल रूम, ट्रैफिक हेल्पलाइन आदि)
- रास्ते में बनाए गए पुलिस सहायता केंद्रों की लोकेशन
- प्रशासन द्वारा जारी नवीनतम अलर्ट या दिशा-निर्देश
QR कोड कहां मिलेगा ?
हरिद्वार पुलिस व ट्रैफिक पुलिस द्वारा यह QR कोड विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक रूप से लगाया गया है, जैसे—
- रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, पार्किंग स्थल, प्रमुख मंदिरों और शिविरों के प्रवेश द्वार
- हाईवे टोल बूथ, कनवर्जन पॉइंट, और मेडिकल कैंप
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Facebook, Instagram, X (Twitter), WhatsApp पर ऑफिशियल हैंडल्स से)
- अखबारों, पोस्टर्स, बैनरों, LED डिस्प्ले बोर्ड और प्रशासनिक वेबसाइट्स पर
आपका सहयोग, हमारी सफलता की कुंजी”
एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने मीडिया से बातचीत में कहा—
हमारी यह पहल यात्रियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हमें विश्वास है कि QR कोड स्कैन कर अधिकतर श्रद्धालु खुद को सटीक और त्वरित जानकारी से जोड़ सकेंगे, जिससे कांवड़ यात्रा सुगम और सुरक्षित बनेगी।”
अक्सर कांवड़ यात्रा के दौरान लंबी कतारों, रूट कन्फ्यूजन, ट्रैफिक जाम और सुरक्षा चिंताओं की शिकायतें रहती हैं। अब हर श्रद्धालु अपने मोबाइल पर ही—
- यात्रा रूट
- कहां रुकना है
- कहां नहीं जाना
- कहां जाम लगा है
- कहां मेडिकल सुविधा है
— यह सब कुछ एक क्लिक में जान सकता है।
इस पहल से न सिर्फ प्रशासन का काम आसान होगा, बल्कि भीड़ नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।
सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद इंतज़ाम
हरिद्वार में कांवड़ मेले के मद्देनज़र इस बार निम्नलिखित इंतज़ाम किए गए हैं:
- 24×7 CCTV निगरानी और कंट्रोल रूम
- ड्रोन से निगरानी विशेष संवेदनशील रूट पर
- महिला सुरक्षा के लिए पिंक पेट्रोलिंग टीम
- रैपिड एक्शन फोर्स (RAF), SDRF, ITBP की तैनाती
- कांवड़ पटरी मार्गों पर विशेष पुलिस पोस्ट
- भूले-बिसरे श्रद्धालुओं के लिए सहायता केंद्र
अन्य राज्यों की पुलिस भी अलर्ट मोड पर
चूंकि हर साल यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब से लाखों कांवड़िये आते हैं, इसलिए उत्तराखंड पुलिस ने इन राज्यों की पुलिस के साथ इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन प्लान भी तैयार किया है। इसमें शामिल हैं:
- UP Police
- Haryana Police
- Delhi Police
- Punjab Police
- Rajasthan Police
- Saharanpur Police
- Bijnor Police
- Muzaffarnagar Police
- Police Commissionerate Ghaziabad
कांवड़ मेला हरिद्वार 2025 में इस बार श्रद्धालुओं के लिए केवल आस्था ही नहीं, बल्कि तकनीक का संगम भी देखने को मिलेगा। QR कोड आधारित इस डिजिटल सेवा ने न सिर्फ उत्तराखंड पुलिस की संवेदनशीलता को दर्शाया है, बल्कि भारत में हो रहे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की एक उत्कृष्ट मिसाल भी पेश की है।
हरिद्वार पुलिस के इस प्रयास में हर नागरिक का सहयोग अपेक्षित है। आइए, इस पावन यात्रा को संयम, सहयोग और सम्मान के साथ सफल बनाएं।